श्री बगलामुखी सप्तक स्तोत्र | Shri Baglamukhi Saptak Stotra

Shri Baglamukhi Saptak Stotra In Hindi

मां बगलामुखी दस महाविद्याओं में एक अत्यंत शक्तिशाली देवी हैं। इनकी पूजा तंत्र, मंत्र और शक्ति साधना में विशेष मानी जाती है। श्री बगलामुखी सप्तक स्तोत्र | Shri Baglamukhi Saptak Stotra एक दुर्लभ और प्रभावशाली स्तोत्र है जो शत्रु नाश, वाणी विजय, और न्याय में सफलता दिलाने वाला है। इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से अद्भुत चमत्कार अनुभव होते हैं। 


Baglamukhi Saptak Stotra

श्री बगलामुखी सप्तक स्तोत्र हिंदी में

* जय जय मात भवानी बगला,
जय जनसुख हितकारी,
मंगलकारी भव दुःखहारी,
जय कमले जय जय महतारी ||1||

* त्रिभुवन पोषिणी शंकर तोषिणी,
कमलासने विष्णु हृदय बिहारी,
मृगरिपुचारिणी खलदलहारिणी,
जय विमले जय पीतवसन सुखकारी ||2||

* पीतसरोवर वीररात्रि प्रकट भयी,
दुष्टदलन रिपुस्तंभनकारी,
विष्णुत्रास निवारिणी बगले,
जय वज्र गदा पाशांकुशधारी ||3||

* पीताम्बरा पीताचारी करुणाकारी,
पीतासने परशुरामहितकारी,
रिपुदलभंजनी खलदलखंजनी,
जय जय पञ्चानन हृदयबिहारी ||4||

* पीतमुकुटधारिणी, रिपुबलहारिणी,
मधुमुस्काती पीतचन्द्रधारी,
तारागण नारदमुनि सेवत,
जय विनिते ब्रह्मा विष्णु हितकारी ||5||

* उमा रमा ब्रह्माणी दुर्गा तुम,
काली कराली तुम ही करुणाकारी,
त्रिपुरा तारा धूमा छिन्ना तुम,
जय मातंगी जय मदन बिहारी ||6||

* ताप विमोचिनी, भवदुःख भेदिनी,
बाला भीमा वीरा संतनहितकारी.
शरणागत प्रतिपाली मधुमुखहारी,
जय नारायणि आदि अनंत बिहारी ||7||

*दोहा

* पीतचन्दन चर्चिता, पीतवसनशृङ्गार,
गदा वज्र ले हाथ में, करहु शत्रु संहार ||

|| इति श्रीरमेशचन्द्रमिश्र विरचितं श्रीबगलासप्तक स्तोत्रं सम्पूर्णम् ||

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url