जब तें राम ब्याहि घर आए लिरिक्स | Jab Te Ram Byahi Ghar Aaye Lyrics
Jab Te Ram Byahi Ghar Aaye Lyrics In Hindi
"जब तें राम ब्याहि घर आए लिरिक्स | Jab Te Ram Byahi Ghar Aaye Lyrics" एक अत्यंत मधुर और भावनात्मक भजन है जो भगवान श्रीराम के विवाह उपरांत अयोध्या आगमन को दर्शाता है। इस भजन में माता कौशल्या, महाराज दशरथ और अयोध्या वासियों के उल्लास और प्रेम को बड़े सुंदर ढंग से व्यक्त किया गया है।यह भजन भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय है और विवाह समारोह, राम विवाह महोत्सव एवं धार्मिक आयोजनों में बड़े श्रद्धा से गाया जाता है।यह भजन भक्तों को श्रीराम की मर्यादा, सौम्यता और पारिवारिक प्रेम की भावना से जोड़ता है। जब श्रीराम विवाह करके घर लौटते हैं, तो अयोध्या नगरी एक बार फिर से दिव्य ज्योति से भर जाती है। यह भजन उनके स्वागत, प्रेम और सामाजिक संस्कृति का सुंदर चित्रण करता है।
जब तें रामु ब्याहि घर आए - रामचरितमानस
श्री गुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुरु सुधारि,
बरनउँ रघुबर बिमल जसु,
जो दायकु फल चारि ||
चौपाई
जब तें रामु ब्याहि घर आए,नित नव मंगल मोद बधाए,
भुवन चारिदस भूधर भारी,
सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी ||1||
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई,
उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई,
मनिगन पुर नर नारि सुजाती,
सुचि अमोल सुंदर सब भाँती ||2||
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती,
जनु एतनिअ बिरंचि करतूती,
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी,
रामचंद मुख चंदु निहारी ||3||
मुदित मातु सब सखीं सहेली,
फलित बिलोकि मनोरथ बेली,
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ,
प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ ||4||
श्री रामचरितमानस: अयोध्या काण्ड: मंगलाचरण ||