बेलपत्र तोड़ने का मंत्र | Belpatra Todne Ka Mantra
Bilva Patra Todne Ka Mantra Aur Vidhi In Hindi
बेलपत्र (Bilva Patra) भगवान शंकर को अत्यंत प्रिय है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि बेलपत्र अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। लेकिन बेलपत्र तोड़ने के भी विशेष नियम होते हैं। यदि आप मंत्र के साथ शुद्ध भाव से बेलपत्र तोड़ें, तो वह और भी अधिक फलदायी होता है।विल्वपत्र तोड़ने का मंत्र और विधि
* अमृतोद्भव ! श्रीवृक्ष! महादेवप्रियः सदा,गृह्णामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात् ||(आचारेन्दु)
बिल्वपत्र तोड़ने का निषिद्ध काल-
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशीऔर अमावास्या तिथियों को, संक्रान्ति के समय और सोमवार को बिल्वपत्र न तोड़े। किंतु बिल्वपत्र शंकर जी को बहुत प्रिय है, अतः निषिद्ध समय में पहले दिन का रखा बिल्वपत्र चढ़ाना चाहिये। शास्त्र ने तो यहाँ तक कहा है कि यदि नूतन बिल्वपत्र न मिल सके तो चढ़ाये हुए बिल्वपत्र को ही धोकर बार-बार चढ़ाते रहें।