ऊँचे पर्वत गुफा न्यारी लिरिक्स | Unche Parwat Nyari Gufa Lyrics

Unche Parwat Nyari Gufa Lyrics

Unche Parwat Nyari Gufa Lyrics In Hindi

ऊँचे, पर्वत गुफा है न्यारी,
जहाँ मां भवन बना बैठी,
दर्शन, करती है जय हो,
दुनिया सारी,
जहाँ मां, ज्योत जगा बैठी ||

ऊँचे, पर्वत गुफा है न्यारी,
जहाँ मां भवन बना बैठी,
दर्शन, करती है जय हो,
दुनिया सारी,
जहाँ मां, ज्योत जगा बैठी ||

तेरे, देखे रंग न्यारे,
मां तू, लाखों पापी तारे,
ओ संगतें, बोलें जय हो,
जय जयकारे,
सिंह पर, आसन लगा बैठी ||

ऊँचे, पर्वत गुफा है न्यारी,
जहाँ मां भवन बना बैठी,
दर्शन, करती है जय हो,
दुनिया सारी,
जहाँ मां, ज्योत जगा बैठी ||

झूले, लाल मैया का झंडा,
बहती, चरणों में गंगा,
ओ माथे, तिलक जय हो,
लगाया चंदा,
शीश पर मुकुट सजा बैठी ||

ऊँचे, पर्वत गुफा है न्यारी,
जहाँ मां भवन बना बैठी,
दर्शन, करती है जय हो,
दुनिया सारी,
जहाँ मां, ज्योत जगा बैठी ||

चूड़ा लाल रंग का पहना,
देखी अजब है तेरी माया,
ओ आसन जय हो,
गुफा में लगाया,
सोहणी मां खेल रचा बैठी ||

ऊँचे, पर्वत गुफा है न्यारी,
जहाँ मां भवन बना बैठी,
दर्शन, करती है जय हो,
दुनिया सारी,
जहाँ मां, ज्योत जगा बैठी ||

मेहंदी, लाल रंग की लगाई,
सिर पर चुनरी लाल सजाई,
ओ संगत जय हो,
दर्शन करने आई,
मां तू मौज लगा बैठी ||
ऊँचे, पर्वत गुफा है न्यारी,
जहाँ मां भवन बना बैठी,
दर्शन, करती है जय हो,
दुनिया सारी,
जहाँ मां, ज्योत जगा बैठी ||
मैया करती शेर सवारी,
हमें लगती बड़ी प्यारी,
ओ मैया जय हो,
दर्शन दे एक बारी,
मुझे क्यों याद भुला बैठी,
ऊँचे, पर्वत गुफा है न्यारी,
जहाँ मां भवन बना बैठी,
दर्शन, करती है जय हो,
दुनिया सारी,
जहाँ मां, ज्योत जगा बैठी ||

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