श्री सूर्य एकविंशति नाम स्तोत्र लिरिक्स | Surya Ke 21 Naam Lyrics

Surya Ke 21 Naam Lyrics In Hindi
भगवान श्री सूर्यदेव के 21 नामों का जप करने से कई आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह जप प्राचीन हिन्दू शास्त्रों में वर्णित है और इसे करने से जीवन में सकारात्मकता आती है।नियमित जाप एवं जल से अर्घ देने से नेत्रों की रोशनी बढ़ती है,शरीर में ऊर्जा और शक्ति आती है, रोगों से बचाव होता है, मानसिक तनाव कम होता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है आर्थिक स्थिति मजबूत होती है सभी कार्यों में सफलता मिलती है। सूर्य के गृह में सुधार होता है।श्री सूर्य एकविंशति नाम स्तोत्र | सूर्य के 21 नाम
१- ॐ मित्राय नमः।२- ॐ रवये नमः।
३- ॐ सूर्याय नमः।
४- ॐ भानवे नमः।
५- ॐ खगाय नमः।
६- ॐ पुष्णे नमः।
७- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ||
८- ॐ मरीचये नमः।
९- ॐ आदित्याय नमः।
१०- ॐ सवित्रे नमः।
११- ॐ अर्काय नमः।
१२- ॐ भास्कराय नमः।
१३- ॐ श्रीसविता सूर्यनारायणाय नमः।
१४- ॐ जगत प्रकाशाय नमः।
१५- ॐ चक्षुषे नमः ||
१६- ॐ श्रीभानवे नमः।
१७- ॐ ऐश्वर्याय नमः।
१८- ॐ ऐश्वर्यप्रदाय नमः।
१९- ॐ तेजसे नमः।
२०- ॐ जगतों प्रकाशाय नमः।
२१- ॐ श्रीसविता सूर्यनारायणाय नमः ||
FAQ:
* सूर्य के 21 नामों का स्तोत्र क्या है?
श्री सूर्य एकविंशति नाम स्तोत्र वर्णित किया गया है।* सूर्य स्तोत्र के क्या लाभ हैं?
सूर्य स्तोत्र का नित्य पाठ करने से अनेक आध्यात्मिक, मानसिक, और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह स्तोत्र सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। सूर्यदेव को नेत्रों का स्वामी माना जाता है, इसलिए इस स्तोत्र का पाठ करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।ऊर्जा और बल में वृद्धि – शरीर में आलस्य, थकान और कमजोरी दूर होती है, जिससे दिनभर ताजगी बनी रहती है।रोगों से रक्षा – यह स्तोत्र प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को मजबूत करता है और बीमारियों से बचाता है।* सूर्य के 21 नाम जपने से क्या फायदा होगा?
भगवान सूर्यदेव के 21 नामों का जप करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से लाभ मिलता है। यह जप सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और सफलता को बढ़ाता है।शरीर में ऊर्जा और शक्ति आती है – सूर्यदेव को जीवन शक्ति का स्रोत माना जाता है।नेत्र ज्योति बढ़ती है – इस जप से आंखों की रोशनी और दृष्टि शक्ति में सुधार होता है।सूर्यदेव की कृपा से रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) मजबूत होती है।मन शांत रहता है और नकारात्मकता दूर होती है।* सूर्य को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?
सूर्यदेव को जल चढ़ाने (अर्घ्य देने) का विशेष महत्व है। यह कर्म करने से सकारात्मक ऊर्जा, आत्मबल, सफलता और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। जल चढ़ाते समय निम्नलिखित मंत्रों का जप किया जा सकता है यह आप पर निर्भर करता है कि आप का उद्धेश्य क्या है।1. सूर्य अर्घ्य मंत्र
सर्वसिद्धि और सफलता के लिए
"ॐ सूर्याय नमः।"
इस मंत्र का 3, 7 या 21 बार जप करते हुए जल अर्पित करें।
2. आदित्य मंत्र
शक्ति, ऊर्जा और स्वास्थ्य के लिए
"ॐ घृणिः सूर्याय नमः।"
इस मंत्र का उच्चारण करने से सूर्यदेव की कृपा से शरीर स्वस्थ और मन शांत रहता है।
3. गायत्री मंत्र
सर्वोत्तम फल प्राप्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए
"ॐ भास्कराय विद्महे, दिवाकराय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्।"
यह मंत्र बुद्धि, ज्ञान और सफलता को बढ़ाने में सहायक होता है।
4. सूर्य बीज मंत्र
सूर्य ग्रह के दोष दूर करने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए
"ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।"
इस मंत्र का जाप करने से कुंडली में सूर्य ग्रह की अशुभ स्थिति का प्रभाव कम होता है।
5. सप्तश्लोकी सूर्य मंत्र
धन, समृद्धि और सफलता के लिए
"जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥"
प्रतिदिन सूर्योदय के समय जल चढ़ाने से लाभ होता है।
सूर्य को जल चढ़ाने की विधि
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।तांबे के लोटे में स्वच्छ जल भरें, उसमें लाल फूल, अक्षत (चावल) और गुड़ डालें।
पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हों।
ऊपर दिए गए मंत्रों में से कोई एक मंत्र पढ़ते हुए जल चढ़ाएं।
जल चढ़ाने के बाद हाथ जोड़कर सूर्यदेव से प्रार्थना करें।
सूर्य को जल चढ़ाने के लाभ
* नेत्र ज्योति बढ़ती है* मानसिक तनाव कम होता है
* सफलता और आत्मविश्वास बढ़ता है
* सूर्य ग्रह के दोष दूर होते हैं
* स्वास्थ्य और रोगों से बचाव होता है