श्री सरस्वती स्तुति लिरिक्स | Shri Saraswati Stuti Lyrics

Shri Saraswati Stuti Lyrics In Hindi
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना,
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा || FAQ:
* सरस्वती हृदय स्तोत्र क्या है?
सरस्वती हृदय स्तोत्र एक पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है जो माता सरस्वती को समर्पित है।यह स्तोत्र विद्या, बुद्धि, ज्ञान, और वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है।
इसे पढ़ने से व्यक्ति को विद्या, वाणी में मधुरता, और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
यह स्तोत्र विशेष रूप से छात्रों, विद्वानों, लेखकों, कवियों और उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है जो शिक्षा और कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
* सरस्वती जी का मूल मंत्र क्या है?
सरस्वती जी का मूल मंत्र बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावशाली है।इसका जाप करने से विद्या, बुद्धि, ज्ञान, और वाणी में श्रेष्ठता प्राप्त होती है।
यह मंत्र इस प्रकार है:
सरस्वती मूल मंत्र
||ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः||
मंत्र का अर्थ:
ॐ – ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक।
ऐं – सरस्वती बीज मंत्र, जो बुद्धि और ज्ञान को जाग्रत करता है।
सरस्वत्यै – देवी सरस्वती को संबोधित ।
नमः – नमन, प्रणाम ||
* माता सरस्वती का असली नाम क्या है?
देवी माता श्री सरस्वती के कई नाम और रूप हैं, लेकिन उनका असली और प्राचीन नाम "वाग्देवी" (Vagdevi) माना जाता है, जिसका अर्थ है वाणी की देवी।सरस्वती के अन्य प्राचीन नाम:
१- वाग्देवी – वाणी और ज्ञान की देवी।
२- शारदा – ज्ञान और विद्या देने वाली।
३- ब्रह्माणी – भगवान ब्रह्मा की शक्ति।
४- महावाणी – सर्वश्रेष्ठ वाणी की देवी।
५- भारती – वेदों की देवी।
६- हंसवाहिनी – हंस पर विराजमान देवी।
७- विद्या देवी – शिक्षा और ज्ञान की अधिष्ठात्री।
८- गायत्री – ज्ञान और वेदों की रक्षा करने वाली।
ऋग्वेद में देवी सरस्वती को एक पवित्र नदी और ज्ञान की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
समय के साथ, वे केवल एक नदी न रहकर बुद्धि, ज्ञान, कला, संगीत और वाणी की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजी जाने लगीं।
* माँ सरस्वती का बीज मंत्र क्या है?
माँ सरस्वती का बीज मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और इसे जपने से विद्या, बुद्धि, स्मरण शक्ति तथा वाणी में अद्भुत सुधार होता है।सरस्वती बीज मंत्र:
|| ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः ||
बीज मंत्र का अर्थ:
ॐ – दिव्य ऊर्जा और ब्रह्मांड की शक्ति।
ऐं – सरस्वती का बीज मंत्र, जो ज्ञान, वाणी और बुद्धि को जाग्रत करता है।
सरस्वत्यै – देवी सरस्वती को संबोधित।
नमः – नमन, प्रणाम।
* विद्या प्राप्ति के लिए कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?
विद्या प्राप्ति और बुद्धि को तेज करने के लिए माँ सरस्वती के मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। विद्यार्थियों, विद्वानों, लेखकों और कलाकारों के लिए ये मंत्र विशेष रूप से प्रभावशाली माने जाते हैं।विद्या प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ मंत्र:
1. सरस्वती बीज मंत्र
|| ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः ||
इस मंत्र का 108 बार जाप करने से विद्या और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
2. सरस्वती गायत्री मंत्र
||ॐ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा ||
यह मंत्र वाणी में मधुरता और धाराप्रवाह बोलने की क्षमता बढ़ाता है।
3. सरस्वती वंदना मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ||
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ||
इस मंत्र का नित्य जाप करने से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है।
4. महा सरस्वती मंत्र
||ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः||
इस मंत्र का जप करने से परीक्षा में सफलता और विद्या में तीव्र वृद्धि होती है।
* विद्या प्राप्ति के लिए उपाय:
रोज़ सुबह स्नान करके माँ सरस्वती की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।सफेद पुष्प और अक्षत (चावल) अर्पित करें।
इन मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें।
नियमित रूप से अध्ययन करें और सत्संग का लाभ लें।
इन मंत्रों का निरंतर जाप करने से विद्या, बुद्धि, स्मरण शक्ति और ज्ञान में अद्भुत वृद्धि होती है।