श्री गायत्री स्तुति लिरिक्स | Shri Gayatri Stuti Lyrics

Shri Gayatri Stuti Lyrics

Shri Gayatri Stuti Lyrics In Hindi

|| ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ||
अर्थात,
जो कुन्द के फूल, चंद्रमा, बर्फ और हार के समान श्वेत हैं,
जो शुभ्र वस्त्र पहनती हैं,
जिनके हाथ उत्तम वीणा से सुशोभित हैं,
जो श्वेत कमलासन पर बैठती हैं।
ब्रम्हा, विष्णु, महेश आदि देव जिनकी सदा स्तुति करते हैं,
और जो सब प्रकार की जड़ता हर लेती हैं,
वे भगवती सरस्वती मुझे ज्ञान दें।


FAQ:

* गायत्री स्तुति का मंत्र क्या है?

गायत्री स्तुति मंत्र अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली है। यह मंत्र माँ गायत्री को समर्पित है, जो वेदों की जननी और ज्ञान, बुद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति की देवी मानी जाती हैं।
गायत्री स्तुति मंत्र:
नमस्ते देवि गायत्री सावित्री त्रिपदै शुभे।
भक्त्या हृदि स्थितां देवि नमस्ते मातरं सदा॥
गायत्री स्तुति का अर्थ:
नमस्ते देवि गायत्री – हे माँ गायत्री! आपको नमन है।
सावित्री त्रिपदै शुभे – आप सावित्री (सूर्य की शक्ति) और तीन पदों वाली (गायत्री मंत्र की त्रिपदा) हैं, आप शुभ फल देने वाली हैं।
भक्त्या हृदि स्थितां देवि – आप भक्तों के हृदय में निवास करती हैं।
नमस्ते मातरं सदा – हे माँ! आपको बारंबार प्रणाम।

* गायत्री माता किसका अवतार है?

माँ गायत्री को सर्वोच्च देवी शक्ति और वेदों की जननी माना जाता है।
वे भगवान ब्रह्मा की शक्ति और सावित्री देवी का अवतार हैं।
जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे, तब उन्हें दिव्य ज्ञान की आवश्यकता थी, और यह शक्ति माँ गायत्री के रूप में प्रकट हुई।

* क्या महिलाओं को गायत्री मंत्र बोलना चाहिए?

हाँ, महिलायेँ भी यज्ञोपवीत और गायत्री मंत्र का वाचन कर सकती है लेकिन इसके लिए उन्हे पूर्ण ब्रम्ह्चर्य का पालन करना चहिए। प्राचीन काल में कुछ सामाजिक प्रतिबंधों के कारण महिलाओं को गायत्री मंत्र जपने से वंचित किया गया था, लेकिन शास्त्रों में कहीं भी यह नहीं लिखा कि महिलाएँ गायत्री मंत्र नहीं जप सकतीं। वास्तव में, गायत्री माता स्वयं नारी शक्ति का प्रतीक हैं, इसलिए सभी—चाहे पुरुष हों या महिलाएँ—गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।

* गायत्री मंत्र कैसे पढ़ना चाहिए?

गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली और पवित्र मंत्र है। इसे सही विधि से पढ़ने से अधिक लाभ प्राप्त होता है। पूर्ण ब्रम्हचर्य के नियमो का पालन करते हुये इस मंत्र का वाचन करना चहिए।

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