सम्पूर्ण श्री गायत्री मंत्र लिरिक्स | Sampurn Shri Gayatri Mantra Lyrics

Sampurn Shri Gayatri Mantra Lyrics In Hindi
श्री विष्णु-गायत्री मंत्र
ॐ त्रैलोक्यमोहनाय विद्महे स्मराय धीमहि,तन्नो विष्णु: प्रचोदयात् ||१||
ॐ त्रैलोक्यमोहनाय विद्महे कामदेवाय धीमहि,
तन्नो विष्णु: प्रचोदयात् ||२||
ॐ नारायणाय विद्महे शेषशायिनी धीमहि,
तन्नो विष्णु: प्रचोदयात् ||३||
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि,
तन्नो विष्णु: प्रचोदयात् ||४||
श्री लक्ष्मीनारायण-गायत्री मंत्र
ॐ लक्ष्मीनारायणाय विद्महे परब्रम्ह्ने धीमहि,तनः परमात्मा प्रचोदयात ||
श्री परशुराम-गायत्री मंत्र
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि,तन्नो परशुराम: प्रचोदयात् ||
श्री नरसिंह-गायत्री मंत्र
ॐ नृसिंहाय विदमहे वज्र-नखाय धीमहि,तन्न: सिंह: प्रचोदयात् ||१||
ॐनृसिंहाय विदमहे वज्र-दंताय धीमहि,
तन्न: सिंह: प्रचोदयात् ||२||
श्री गरुण-गायत्री मंत्र
१- ॐ पक्षिराजाय विद्महे पक्षिदेवाय धीमहि,तन्नो गरुण: प्रचोदयात् ||
२- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सुवर्णपक्षाय धीमहि,
तन्नो गरुण: प्रचोदयात् ||
३- ॐ वैनतेयाय विद्महे सुवर्णपक्षाय धीमहि,
तन्नो गरुण: प्रचोदयात् ||
४- ॐ सुपर्णाय विद्महे पक्षीराजाय धीमहि,
तन्नो गरुण: प्रचोदयात् ||
श्री गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः,तत्सवितुर्वरेण्यं,
भर्गो देवस्य धीमहि,
धियो यो नः प्रचोदयात् ||
श्री गरुड़ जी के 12 नाम
१- सुपर्ण (अच्छे पंख वाला),२- वैनतेय (मां विनता के पुत्र),
३- नागरी (नागों के शत्रु),
४- नागभिशन (नागों के लिए भयानक) ||
५- जीतानतक (काल या मृत्यु को भी हरा सकता है),
६- विषारी (जहर विरोधी),
७- अजित (अजेय),
८- विश्वरूपी (भगवान विष्णु के समान) ||
९- गरुत्मान (सबसे शक्तिशाली),
१०- खगश्रेष्ठ (पक्षियों में श्रेष्ठ),
११- तार्क्ष्य (गरुड़ जी का एक नाम),
१२- कश्यपनंदन (मुनि कश्यप का पुत्र) ||
इन श्री गरुण जी के १२ नामों का जाप जो नित्य प्रातः काल उठकर, स्नान के समय या सोते समय पाठ करता है।
* उस पर किसी भी प्रकार के विष का प्रभाव नहीं पड़ता।
* उसे कोई हिंसक प्राणी मार नहीं सकता।
* युद्ध और ब्यवहार में उसे सर्वत्र विजय की प्राप्ति होती है।
* वह बंधन से मुक्ति प्राप्त कर लेता है और उसे यात्रा मे सदैव सिद्धि की प्राप्ति होती है।