श्री यमुना माता की आरती लिरिक्स | Shri Yamuna Aarti Lyrics
Shri Yamuna Maiya Ki Aarti Lyrics In Hindi
हिमालय के कलिंद पर्वत से निकली यह नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकली इस नदी को कालिंदी के नाम से भी जाना जाता है। यमुना नदी का पौराणिक महत्व भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से भी जुड़ा हुआ है। वहीं, प्रयागराज में यमुना नदी और संगम का जो महत्व है, वह भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत को एक अलग पहचान देता है। दिल्ली राज्य की वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय रेखा गुप्ता जी ने माँ श्री यमुना जी को अलग पहचान देना का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही इसका ऐलान किया की स्वछता में माँ गंगा की भांति श्री यमुना जी का जीर्णोद्धार कर जगत का कल्याण करेंगी।जय जय श्री यमुना लिरिक्स
जय जय श्री यमुना,माँ धन्य धन्य श्री यमुना ||
जोता जनम सुधार्या ,
जोता जनम सुधार्या ,
धन्य धन्य श्री यमुना ,
माँ जय जय श्री यमुना ||
शामलाडी सूरत,
माँ मूरत माधुरी,
माँ मूरत माधुरी,
प्रेम सहित पटरानी,
पराक्रमे पूरया,
माँ जय जय श्री यमुना ||
गह्वर चाल्या माँ,
गंभीरे घेरया,
माँ गम्भीरे घेरया,
चूंदडिये चटकाव्या,
पहरया ने लहरया,
माँ जय जय श्री यमुना ||
भुज कंकण रूडा,
माँ गुजरिया चूड़ी,
माँ गुजरिया चूड़ी,
बाजूबंद ने वेरखा,
पहोंची रत्न जड़ी,
माँ जय जय श्री यमुना ||
झांझर ने झमके,
माँ बिछिया ने ठमके,
माँ बिछिया ने ठमके,
नूपुर ने नादे,
माँ घूघरी ने घमके,
माँ जय जय श्री यमुना ||
सोला श्रृंगार सज्या,
माँ नकबेसर मोती,
माँ नकबेसर मोती,
आभरण मा आपो छो,
दर्पण मुख जोता,
माँ जय जय श्री यमुना ||
तट अंतर रूडा,
माँ शोभित जल भरिया,
माँ शोभित जल भरिया,
मनवांछित मुरलीधर,
सुन्दर वर वरिया,
माँ जय जय श्री यमुना ||
लाल कमल लपटया,
माँ जोवाने गया था,
माँ जोवाने गया था,
कहे माधव परिक्रम्मा,
ब्रज नी करवा ने गया था,
माँ जय जय श्री यमुना ||
श्री यमुना जी नी आरती,
विश्राम घाटे थाय,
माँ विश्राम घाटे थाय,
तैंतीस करोड देवता,
दर्शन करवा जाय,
माँ जय जय श्री यमुना ||
श्री यमुना नी आरती,
जो कोई गाशे,
माँ जो कोई गाशे,
तेना जनम मरण संकट,
सर्वे दूर थाशे,
माँ जय जय श्री यमुना ||
एटली विनती करूँ,
माँ तव चरणे राखो,
माँ तव चरणे राखो,
दास क़रीने स्थापो,
ब्रज मा वास आपो,
माँ जय जय श्री यमुना ||
जय जय श्री यमुना,
माँ धन्य धन्य श्री यमुना,
जोता जनम सुधार्या,
जोता जनम सुधार्या,
धन्य धन्य श्री यमुना,
माँ जय जय श्री यमुना ||