आरती मंगलकारी की लिरिक्स | Aarti Mangalkari Ki Lyrics

Aarti Mangalkari Ki Lyrics In Hindi

आधुनिक भाग-दौड़ की जिन्दगी में हमें मानसिक, शाररिक तनाव से मुक्ति के लिए कलयुग के सच्चे देव श्री महावीर बजरंग बली की आरती मंगलकारी लिरिक्स बहुत ही लाभदाई और शुभ मानी जाती है। इस आरती को करने से रोग भय ताप का नाश होता है। हमें परम आनन्द की प्राप्ति होती है।

Aarti Mangalkari Ki Lyrics
Aarti Mangalkari Ki Lyrics

आरती मंगलकारी की पवनसुत अति बलधारी की लिरिक्स (हिन्दी)

आरती मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
गले में तुलसी की माला,
बजावें मृदंग करताला,
ह्रदय में दशरथ के लाला ||

भाल पे तिलक,
अनोखी झलक,
कथा की ललक,
मधुर छवि जनहितकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की ||

जगत के जितने दुर्लभ काज,
कृपा से सबहिं देते नवाज,
नाम से भागत भूत पिशाच ||

राम के दूत,
अंजनी के पुत,
बड़े मजबूत,
कठिन कलि कलिमलहारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की ||

साधु संतन के रखवारे,
सभी भक्तन के अति प्यारे,
बिराजत राघव के द्वारे ||

श्री मंगल करन,
सकल भय हरन,
मुदित मन करन,
राम के आज्ञाकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की ||

आरती सब जन मिल गावै,
कृपा तब हनुमत की पावै,
मनोरथ पूरण हो जावै ||

दयानिधि नाम,
सकल गुणधाम,
ज्ञान की खान,
अष्ट सिद्ध नव निधि कारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरतीं मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की,
आरती मंगलकारी की,
पवनसुत अति बलधारी की ||


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