आज जनकपुर में मड़वा लिरिक्स | Aaj Janakpur Me Madwa Lyrics
Aaj Janakpur Me Madwa Lyrics In Hindi
आज जनकपुर में मंडवा,बड़ा सुहावन लागे,
सीता के चढ़ेला हरदिया,
मन भावन लागे ||
आज जनकपुर में मंडवा,
बड़ा सुहावन लागे,
सीता के चढ़ेला हरदिया,
मन भावन लागे ||
हरे हरे बंसवा,
कटवले जनक राजा,
मन में सुनैना माई के,
बाजे ला आनंद बाजा,
शोर भइले सगरी महलिया,
बड़ा सुहावन लागे,
सीता के चढ़ेला हरदिया,
मन भावन लागे ||
धनी रे नगरिया के,
उमड़ल भगिआ,
लग ली सुनर सिया के,
अमर सुहागिया,
चउका पुरावल अंगनवा,
बड़ा पवन लागे,
सीता के चढ़ेला हरदिया,
मन भावन लागे ||
आँखि के पुतरिया जे,
भेजिहे नगरिया,
धरती दरकी जईहे,
गिरिहे बिजुरिया,
झर-झर बरसे नयनवा,
जईसे सावन लागे,
सीता के चढ़ेला हरदिया,
मन भावन लागे ||
आज जनकपुर में मंडवा,
बड़ा सुहावन लागे,
सीता के चढ़ेला हरदिया,
मन भावन लागे,
आज जनकपुर में मंडवा,
बड़ा सुहावन लागे ,
सीता के चढ़ेला हरदिया,
मन भावन लागे ||