श्यामधणी का गुलशन महका महका लिरिक्स | Shyamdhani Ka Gulshan Mahka Mahka Lyrics
Shyamdhani Ka Gulshan Mahaka Mahaka Lyrics In Hindi
श्यामधणी का गुलशन,महका महका लगता है,
श्यामधणी का गुलशन,
महका महका लगता है,
महफिल में मौजूद है,
बाबा ऐसा लगता है ||
पहुंच ना सकता सेक गमों का,
मेरे दिल की बस्ती में,
सर पर मेरे आज भी,
साया तेरा लगता है ||
बेशक भूले जग वाले हमें,
हम ना तुमको भूलेंगे,
हर एक सांस पे बढ़ता,
तेरा कर्जा लगता है ||
जर्रे जर्रे से अब मुझको,
ख़ुशबू तेरी आती है,
पत्ता पत्ता याद में तेरी,
डूबा लगता है।
छुप जाओ तुम जाके कहीं भी,
लेकिन पहचाने जाओगे,
चांद से भी सुंदर,
जो चेहरा तेरा लगता है ||
ख्वाहिश है ये हम बच्चों की,
पूरी करना श्याम धणी,
नाज से एक दिन बोलो हमको,
तू बेटा लगता है ||