एक सनातनी हु मै लिरिक्स | Ek Sanatani Hu Mai Lyrics

Ek Sanatani Hu Mai Lyrics In Hindi

Jai Shree Ram

सुर्याग्नि से दहकता राम में,
अनुरक्त है वो भगवे में लिपटा,
सन्यासी विरक्त है वो ||

पवन सुपुत,
अति बलनीय ,
अतुलनीय राम दूत है वो ||

मा सिया को प्यारी ,
प्रभु राम की मुद्रिका धारी,
मुस्टभि, राक्षस संहारी है वो ||

धर्माग्नी वाहक,
लंका दाहक,
राम भक्त है ये,
वानर अद्भुद,
रुद्र का अंग है वो,
नाम जिसका बजरंग है ||

जय श्री राम,
जय जय श्री राम,
जय बजरंग, जय बजरंग,
जय महावीर,
बजरंग बली की जय,
महावीर बजरंग बली की.
महावीर बजरंग बली की ||

सतयुग  का पाषाण हूं मैं,
नवीन भारत की नीव हूं मैं,
धर्मोचित कर्म का प्रारंभ हूं मैं,
शाश्वत सनातन अनंत हूं मैं,
शत्रुओ का प्रचंड अंत हूं मैं,
सत्य अग्नि निराकार हु मै,
इस देश की मिट्टी का गर्व हूं मैं ,
भारत का प्रज्वलित पर्व हूं मैं,
 एक हिंदू हूं मैं,
रोक सके तो रोक,
एक सनातनी हूं,
मैं एक सनातनी हूं मैं ||

जय श्रीराम,
जय बजरंग, 
जय श्री राम, 
जय बजरंग,
जय श्री राम, 
जय बजरंग,
जय श्री राम, 
जय बजराम,

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