भक्त हम हनुमान के लिरिक्स | Bhakt Ham Hanuman Ke Lyrics

Bhakt Ham Hanuman Ke Lyrics

Bhakt Hum Hanuman Ke Lyrics In Hindi

हृदय में बसते जिसके राम,
सिंह सी है जिसकी दहाड़,
मार के तट से एक छलांग,
लंका को कर दे पल में राख,
केसरी का ऐसा वो लाल,
सूर्य भी भक्ष फल सा जान,
उसके तो नाम में ऐसी शक्ति,
कांपते भूत प्रेत पिशाच ||

भक्त हम हनुमान के,
उपासक सिया राम के,
धरती भी थर थर कांपे,
देवता रहे ताकते ||

भक्त हम हनुमान के,
उपासक सिया राम के,
धरती भी थर थर कांपे,
देवता रहे ताकते ||

हां घोर अंधकार,
मुझे दे दो प्रकाश,
प्रभु टूटने लगी है,
मेरे दिल की जो आस,
मैंने दुनिया को जाना ,
तभी कोई नहीं खास,
मुझे राम नाम भक्ति का,
दे दो वरदान,
मेरे भीतर ही छुपे हैं,
जाने कितने विकार,
मैं भी जीत जाऊं सबसे,
जो मिले तेरा साथ,
सुना राम नाम सुनते ही,
दौड़े चले आते,
तेरा बेटा भी रहा है,
तुझे कब से पुकार ||

हां तेज वेग से काल भेदते,
शक्तियों का भंडार एक में,
रूद्र रूप वो भोले नाथ का,
मार दैत्य शमशान भेज दे,
क्रोध द्वेष लंका नरेश में,
कौन देव वानर के भेष में,
आके कैसे सिया सुध वो ले गया,
ब्रह्मा विष्णु या था महेश ये ||

रावण बनता घणा महान,
बल भी जाने था संसार,
टिक न पाया था वो फिर भी,
सामने आया जब हनुमान,
शक्ति वो खूब लगलावे,
जीत फिर भी ना पावे,
पुत्र को भेजे रण में,
लक्ष्मण मूर्च्छा को पावे ||

राम जी का कर ध्यान नाम,
संकट जो भारी करते आसान,
पल में हां लाके संजीवनी,
हनुमत बचाते लक्ष्मण के प्राण,
भक्तों पे आंच फिर सर्वनाश,
वायु से तेज मुख पे प्रकाश,
है वज्र हाथ रघुवर भी साथ,
तुझको पुकारे तेरा दास नाथ ||

हां कौन सी ऐसी बाधा जो,
तेरे होते मुझको सतावे,
संकट हरता पल में,
संकट मोचन है कहलावे,
पहलवानों का बाबा तू,
पहलवानी हमें सिखावे,
हन लेकर तेरा नाम दीप,
हर मुश्किल से भिड़ जावे ||

भक्त हम हनुमान के,
उपासक सिया राम के,
धरती भी थर थर कांपे,
देवता रहे ताकते ||

भक्त हम हनुमान के,
उपासक सिया राम के,
धरती भी थर थर कांपे,
देवता रहे ताकते ||

तू साथ मेरे जग जाऊं जीत,
होता नहीं मैं किंचित भयभीत,
तू ही सच्चा मीत,
मेरे दिल का प्रीत,
सर्व शक्तिशाली पावन पुनीत,
तू ही वर्तमान तू है अतीत,
मेरे बिगड़े स्वर का तू है संगीत,
जब जब हां बिखरे मेरी ये राहें,
कदमों में ला दे तू मंजिल खींच ||

पल में धर ले रूप विराट,
कतई छोटा करले आकार,
कड़े बरसे हां मेघ सा बनके,
कड़े बन जाए सुलगती आग,
रंग भगवे की वो पहचान,
सुनते ही होवे जय जयकार,
भक्त वो श्री राम का ऐसा,
पूर्ण करता जो सबके काज,
भक्त हम हनुमान के,
उपासक सिया राम के,
धरती भी थर थर कांपे,
देवता रहे ताकते ||

भक्त हम हनुमान के,
उपासक सिया राम के,
धरती भी थर थर कांपे,
देवता रहे ताकते ||

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