सावन का महीना घटायें घनघोर लीरिक्स | Sawan Ka Maheena Ghatayen Ghanghor Lyrics In Hindi
सावन का महीना घटायें घनघोर लीरिक्स | Sawan Ka Maheena Ghatayen Ghanghor Hindi Lyrics
सावन का महीना घटायें घनघोर
सावन का महीना घटायें घनघोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
प्रेम हिंडोले बैठे श्याम बिहारी
झूला झुलाये साड़ी ब्रज की नारी
जोड़ी लागे प्यारी ज्यूँ चंदा और चकोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना
ठंडी फुहार पड़े मन को लुभाये
गीत गावें सखियाँ श्याम मुस्कावे
बंसुरिया बजावे मेरे मन का चितचोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना
जमुना के तट पर नाचे नाचे रे ता ता थैया
राधा को झुलाये श्याम रास रचाये
ब्रज में छायी मस्ती और मस्त हुए मनमोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना
देख युगल छवि मन में समायी
श्याम सुन्दर ने महिमा गाई
देख के प्यारी जोड़ी मनवा होये विभोर
आज कदम्ब की डाली झुले राधा नन्द किशोर
सावन का महीना
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