संग्राम जिन्दगी है लीरिक्स | Sangram Jindgi Hai Lyrics
संग्राम जिन्दगी है हिन्दी लीरिक्स | Sangram Jindgi Hai Lyrics In Hindi
संग्राम जिन्दगी है लड़ना उसे पड़ेगा।
जो लड़ नहीं सकेगा, आगे नहीं बढ़ेगा।।
इतिहास कुछ नहीं है, संघर्ष की कहानी,
राणा, शिवा, भगतसिंह और झाँसी वाली रानी।
कोई भी कायरों का इतिहास क्यों पढ़ेगा,
जो लड़ नहीं सकेगा, आगे नहीं बढ़ेगा।
आओ लड़े स्वयं के कलुषों से, कलमषों से,
भोगों से, वासना से, रोगों के राक्षसों से।
कुन्दन वही बनेगा जो आग में तपेगा,
जो लड़ नहीं सकेगा, आगे नहीं बढ़ेगा।
घेरा समाज को है, कुण्ठा कुरीतियों ने,
व्यसनों ने, रूढ़ियों ने, निर्मम अनीतियों ने।
इन सब चुनौतियों से है कौन जो लड़ेगा,
जो लड़ नहीं सकेगा, आगे नहीं बढ़ेगा।
चिन्तन चरित्र में अब, विकृति बढ़ी हुई है,
चहुँ ओर कौरवों की, सेना खड़ी हुई है।
क्या पार्थ इन क्षणों भी, व्यामोह में फंसेंगा,
जो लड़ नहीं सकेगा, आगे नहीं बढ़ेगा।
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