राष्ट्र भक्ति ले हृदय में लीरिक्स | Rashtra Bhaki Le Hriday Me Lyrics

राष्ट्र भक्ति ले हृदय में हिन्दी लीरिक्स | Rashtra Bhaki Le Hriday Me Lyrics In Hindi



राष्ट्र भक्ति ले हृदय में हो खड़ा यदि देश सारा 
संकटों पर मात कर यह राष्ट्र विजयी हो हमारा।। 
क्या कभी किसी ने सुना है सूर्य छिपता तिमिर भय से 
क्या कभी सरिता रुकी है बांध से वन पर्वतों से 
जो न रुकते मार्ग चलते चीर कर सब संकटों को 
वरण करती कीर्ति उनका छोड़ कर सब असुर दल को 
ध्येय-मंदिर के पथिक को कण्टकों का ही सहारा।।
हम न रुकने को चलें हैं सूर्य के यदि पुत्र हैं तो 
हम न हटने को चलें हैं सरित की यदि प्रेरणा तो 
चरण अंगद ने रखा है आ उसे कोई हटाए 
दहकता ज्वालामुखी यह आ उसे कोई बुझाए 
मृत्यु की पी कर सुधा हम चल पडेंगे ले दुधारा।।
ज्ञान के विज्ञान के भी क्षेत्र  में हम बढ़ चलेंगे। 
नील नभ के रूप के नव अर्थ भी हम कर सकेंगे  
भोग के वातावरण में त्याग का संदेश देंगे 
त्रास के घने बादलों से सौख्य की वर्षा करेंगे 
स्वप्न यह साकार करने संगठित हो देश सारा।।



Rashtra Bhaki Le Hriday Me Lyrics



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