नदिया न पीये कभी अपना जल लीरिक्स | Nadiya Na Piye Kabhi Apna Jal Lyrics

नदिया न पीये कभी अपना जल हिन्दी लीरिक्स | Nadiya Na Piye Kabhi Apna Jal Lyrics In Hindi

नदिया न पीये कभी अपना जल,
वृक्ष न खाए कभी अपना फल,
अपने तन को, मन को, धन को,
देश को दे दे दान रे, वो सच्चा इंसान रे,
वो सच्चा इंसान।।
चाहे मिले सोना चाँदी, चाहे मिले रोटी बासी,
महल मिले बहुसुखकारी, चाहे मिले कुटिया खाली
प्रेम और संतोष भाव से, करता जो स्वीकार रे
वो सच्चा इन्सान रे।।
चाहे करे निन्दा कोई, चाहे कोई गुण गान करे,
फूलों से सत्कार करे, काँटों की चिन्ता न धरे,
मान और अपमान ही दोनों, जिसके लिये समान रे,
वो सच्चा इन्सान रे।।


Nadiya Na Piye Kabhi Apna Jal Lyrics
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