हमें फिर से धरा पर लीरिक्स | Hame Fir Se Dhara Par Lyrics
हमें फिर से धरा पर हिन्दी लीरिक्स | Hame Fir Se Dhara Par Lyrics In Hindi
हमें फिर से धरा पर ज्ञान की गंगा बहानी है
जगत विख्यात भारत के सपूतों की कहानी है।।
विवेकानंद से जग ने नवल आध्यात्म पाया था
कि सोया कर्म दर्शन रामतीरथ ने जगाया था
जला सकती न आग इन्हें डुबा सकता न पानी है।।
निशा में उर्वशी को माँ कहे इस भूमि का अर्जुन
निरख-रमणी शिवा का मात्र भावों से भरा था मन
यही निष्ठा पुनः सबके चरित्रों मे जगानी है।।
हुई है धन्य जिनके त्याग से स्वातंत्र्य की बलिवेदी
भगत सिंह और राणाजी की जिनके स्वर गगनभेदी
खुशी से प्राण देना शहीदों की निशानी है।।
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