धरती की शान तू भारत की संतान लीरिक्स | Dharti Ki Shan Tu Bharat Ki Santan Lyrics

धरती की शान तू भारत की संतान हिन्दी लीरिक्स | Dharti Ki Shan Tu Bharat Ki Santan Lyrics In Hindi

धरती की शान तू भारत की संतान,
तेरी मुट्ठियों में बंद तूफान है रे,
मनुष्य तू बड़ा महान है।।

तू जो चाहे पर्वत पहाड़ों को फोड़ दे,
तू जो चाहे नदियों के मुख को भी मोड़ दे,
तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे,
तू जो चाहे धरती को अम्बर से जोड़ दे,
अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान
तेरी आत्मा में स्वयं भगवान है रे।

नयनों में ज्वाल, तेरी गति में भूचाल,
तेरी छाती में छिपा महाकाल है,
पृथ्वी के लाल तेरा हिमगिरि सा भाल,
तेरी भृकुटि में तांडव का ताल है,
निज को तू जान, ज़रा शक्ति पहचान
तेरी वाणी में युग का आह्वान है रे।

धरती सा धीर, तू है अग्नि सा वीर,
तू जो चाहे तो काल को भी थाम ले,
पापों का प्रलय रुके, पशुता का शीश झुके,
तू जो अगर हिम्मत से काम ले,
गुरु सा मतिमान, पवन सा तू गतिमान,
तेरी नभ से भी ऊँची उड़ान है रे।


Dharti Ki Shan Tu Bharat Ki Santan Lyrics
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