चले निरन्तर साधना लीरिक्स | Chale Nirantar Sadhna Lyrics
चले निरन्तर साधना हिन्दी लीरिक्स | Chale Nirantar Sadhna Lyrics In Hindi
निर्मल पावन भावना
सभी के सुख की कामना
गौरवमय समरस जन जीवन, यही राष्ट्र आराधना।
चले निरन्तर साधना
जहाँ अशिक्षा अन्धकार है, वहीं ज्ञान का दीप जलाएँ
स्नेह भरी अनुपम शैली से, संस्कार की जोत जगाएँ
सभी को लेकर साथ चलेंग, दुर्बल का कर थामना
जहाँ व्याधियों और अभावों – में मानवता तड़प रही
घोर विकारों, अभिशापों में, देखो जगती झुलस रही
एक एक आँसू को पौछें, सारी पीड़ा लाँघना
जहाँ विषमता भेद अभी है, नयी चेतना भरनी है
न्यायपूर्ण मर्यादा घारे, विकास रचना करनी है
स्वाभिमन से सभी खड़े हों, करे न कोई याचना
‘‘नर-सेवा नारायण सेवा’’ है अपना कर्तव्य महान्
अपनी भक्ति अपनी शक्ति, करना है जन जन का त्रण
अपनें तप से प्रगटाएंगे, माँ – भारत कमलासना
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