बाबा साहब की 5 गलती | Baba Sahab's 5 Mistake

बाबा भीमराव अंबेडकर के जीवन की 5 गलती जो उनको महान बनाने मे लगाती है चार चाँद

बाबा साहेब डॉ॰ भीमराव अंबेडकर ने अपनी ज़िंदगी मे 5 बड़ी गलतियाँ के बारे मे जो आपने आज तक नहीं सुनी होगी जो बाबा साहेब को महान बनाती है।
बाबा साहब की 5 गलती | Baba Sahab's 5 Mistake


1 ब्राह्मण लड़की से शादी

डॉ॰ भीमराव अंबेडकर ने दूसरी शादी ब्राह्मण लड़की से किया था जिसका दलित और ब्राह्मण समाज ने बाबा साहेब का घोर विरोध किया था। लोगो ने इसको बहुत बड़ी गलती बताया क्यूकी इससे ऐसा माना जाता है की बाबा साहेब हिन्दू धर्म मे ब्याप्त जातिगत भेदभाव बहुत चरम था छुया छूत और भेदभाव होने के बावजूद बाबा साहब ने हिन्दू लड़की से शादी करके इंटर काष्ट मैरिज को बढ़ावा दिया मतलब एक धर्म (जाति) के लोग अन्य जाति मे शादी कर सकते है। इससे समाज मे ब्याप्त जातिगत भेदभाव से मुक्ति मिल सके।

2 स्वयं के परिवार ( पुत्र ) पर नहीं दिया ध्यान

बाबा साहेब की दूसरी व सबसे बड़ी गलती परिवार पर ध्यान न देना बताई जाति है। इस गलती से उनका परिवार भी उनसे काफी नाराज़ हुआ। अपने बेटे यशवंतराव के जन्म के बाद उनकी पत्नी रामबाई ने जितनी संतानों को जन्म दिया वो सभी जन्म के कुछ समय पश्चात मर गए लेकिन फिर भी बाबा साहेब ने अपने परिवार पर ध्यान नहीं दिया। वही सबसे बड़ी बात तो ये थी की एक बेटे के मृत्यु के दौरान वो उसके अंतिम संस्कार न करके दलितो के लिये बनाये गये गोलमेज़ सम्मेलन मे चले गये थे। जिसको लोगो ने बाबा साहेब की बड़ी गलती बताया लेकिन उनके इस कृत्य से ये संदेश भी मिलता है जो हो गया उसे कोई बदल नहीं सकता लेकिन जो कार्य जरूरी है उसे जरूर पूरा करो क्यूकी गोल मेज़ सम्मेलन दलितो के लिये था इस लिये डॉ, अंबेडकर ने वहाँ जाना जरूरी समझा जो उनको महान बनाती है।

3 बौद्ध धर्म अपनाया हिन्दू धर्म छोडकर

डॉ अंबेडकर की तीसरी बड़ी गलती धर्म को लेकर भी मनी जाती हैजहां इनहोने हर धर्म मे ब्याप्त कुरीतियों का विरोध करते थे क्यूकी हर धर्म मे जाति को लेकर भेदभाव था। वही बाबा साहेब द्वारा शुरू किए गये संघर्ष धर्म के सम्पूर्ण अस्तित्व को खतरे मे दल सकता हैक्यूकी भेदभाव का दर्द झेल चुके डॉ अंबेडकर ने हिन्दू धर्म को छोडकर बौद्ध धर्म अपना लिया था। इसे इनकी बड़ी गलती बताया जाता है लेकिन ऐसा नहीं था। धर्म परिवर्तन करने से सम्पूर्ण राष्ट्र को ये संदेश मिला की जिस धर्म मे भेदभाव व जात पात जैसी कुरीतियाँ हो वह सामाजिक तौर पर सही नहीं है।

4 भारत माँ को नहीं बताया अपनी मात्रभूमि 

बाबा साहेब की चौथी गलती भारत माता को अपनी मात्रभूमि न बताना मांनी जाती है दर असल इनहोने गांधी जी से कहा कि मेरी अपनी कोई मात्रभूमि नहीं है। इस बात को इनकी बड़ी गलती बताया जाता है लेकिन इस बात से संदेश मिलता है जहां विदेशो मे इनको सम्मान मिला वही अपने देश मे जाति के नाम पर इनको छुया छूत का भेदभाव और दर्द झेलना पड़ा इस वजह से भारत माता को अपनी मात्रभूमि नहीं कहते।

5 विदेशो मे मिले सम्मान को ठुकराना

बाबा साहेब कि पाँचवी और बड़ी गलती विदेशो मे मिले सम्मान ठुकराना माना जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह कई देशो ने बाबा साहेब को सम्मानित करने के लिये बुलाया किन्तु उन्होने इसे स्वीकार न करके ठुकरा दिया क्यूकी ऐसा सम्मान हर किसी को मिलता नहीं। इससे ये संदेश भी दिया कि देश मे मिले जातिगत भेदभाव को खतम करने का प्रयास भी किया कम जाति के लोगो का सम्मान मिलना ही बाबा साहेब का असली सम्मान है यही बात उनको महान बनाती है।

यही पाच गलती उनके जीवन को महान बनती है।




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