तेरे पूजन को भगवान बना मन मंदिर आलीशान लिरिक्स | Tere Pujan Ko Bhagwan Bana Man Mandir Alishan Lyrics

Tere Pujan Ko Bhagwan Bana Man Mandir Alishan Lyrics

 Tere Pujan Ko Bhagwan Lyrics In Hindi

तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान,
किसने जानी तेरी माया,
किसने भेद तुम्हारा पाया,
हारे ऋषि मुनि कर ध्यान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तू ही जल में तू ही थल में,
तू ही मन में तू ही वन में,
तेरा रूप अनूप महान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तू हर गुल में तू बुलबुल में,
तू हर डाल के हर पातन में,
तू हर दिन में मूर्तिमान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तूने राजा रंक बनाए,
तूने भिक्षुक राज बैठाये,
तेरी लीला अजब महान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

झूठे जग की झूठी माया,
मूरख इसमें क्यों भरमाया,
कर जीवन का शुभ कल्याण,
बना मन मंदिर आलीशान,
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

किस ने देखि तेरी सूरत,
कौन बनावे तेरी मूरत,
तू है निराकार भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

पर्वत घाटी नदी समंदर,
तू रमता इन सब के अन्दर,
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

किसने जानी तेरी माया,
किसने भेद तुम्हारा पाया,
हारे ऋषि मुनि कर ध्यान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तू ही जल में तू ही थल में,
तू ही मन में तू ही वन में,
तेरा रूप अनूप महान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तू हर गुल में तू बुलबुल में,
तू हर डाल के हर पातन में,
तू हर दिन में मूर्तिमान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तूने राजा रंक बनाए,
तूने भिक्षुक राज बैठाये,
तेरी लीला अजब महान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

झूठे जग की झूठी माया,
मूरख इसमें क्यों भरमाया,
कर जीवन का शुभ कल्याण,
बना मन मंदिर आलीशान,
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

किस ने देखि तेरी सूरत,
कौन बनावे तेरी मूरत,
तू है निराकार भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

पर्वत घाटी नदी समंदर,
तू रमता इन सब के अन्दर,
तेरे बस में सकल जहान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तू हैं वन में, तो प्राणन में,
तू तरु तरु के पातन में,
कोई ना दूजा तेरे सामान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

जल में थल में तू ही समाया,
सब जग तेरा जलवा छाया,
तू है, घट घट के दरमियान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

सूरज तेरी महिमा गावे,
चंदा तुझ पर बलि बलि जावे,
इश्वर कर सब का कल्याण,
बना मन मंदिर आलीशान ||

तेरे बस में सकल जहान,
बना मन मंदिर आलीशान,
तू हैं वन में, तो प्राणन में,
तू तरु तरु के पातन में,
कोई ना दूजा तेरे सामान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

जल में थल में तू ही समाया,
सब जग तेरा जलवा छाया,
तू है, घट घट के दरमियान,
बना मन मंदिर आलीशान ||

सूरज तेरी महिमा गावे,
चंदा तुझ पर बलि बलि जावे,
इश्वर कर सब का कल्याण,
बना मन मंदिर आलीशान ||

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