ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान लीरिक्स | Om Jai Surya Bhagwan, Jai Ho Dinkar Bhagwan Lyrics
श्री सूर्यदेव आरती लीरिक्स | Shree Suryadev Aarti Lyrics
ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्र स्वरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,
श्वेत कमलधारी।
तुम चार भुजाधारी॥
अश्व हैं सात तुम्हारे,
कोटी किरण पसारे।
तुम हो देव महान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊषाकाल में जब तुम,
उदयाचल आते।
सब तब दर्शन पाते॥
फैलाते उजियारा,
जागता तब जग सारा।
करे सब तब गुणगान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
संध्या में भुवनेश्वर,
अस्ताचल जाते।
गोधन तब घर आते॥
गोधुली बेला में,
हर घर हर आंगन में।
हो तव महिमा गान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
देव दनुज नर नारी,
ऋषि मुनिवर भजते।
आदित्य हृदय जपते॥
स्त्रोत ये मंगलकारी,
इसकी है रचना न्यारी।
दे नव जीवनदान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
तुम हो त्रिकाल रचियता,
तुम जग के आधार।
महिमा तब अपरम्पार॥
प्राणों का सिंचन करके,
भक्तों को अपने देते।
बल बृद्धि और ज्ञान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
भूचर जल चर खेचर,
सब के हो प्राण तुम्हीं।
सब जीवों के प्राण तुम्हीं॥
वेद पुराण बखाने,
धर्म सभी तुम्हें माने।
तुम ही सर्व शक्तिमान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
पूजन करती दिशाएं,
पूजे दश दिक्पाल।
तुम भुवनों के प्रतिपाल॥
ऋतुएं तुम्हारी दासी,
तुम शाश्वत अविनाशी।
शुभकारी अंशुमान॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान।
जगत के नेत्र रूवरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा॥
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान॥