जय गंगाधर जय गिरिजा दिशा लिरिक्स | Om Jai Gangadhar Aarti Lyrics
Om Jai Gangadhar Aarti Lyrics In Hindi
ॐ जय गंगाधर आरती करने वाले इन्सान के जीवन में जल तत्व शुद्ध होता है और जीवन में पवित्रता आती है। पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माँ गंगा जी और देवाधिदेव श्री महादेव जी की कृपा मिलती है। जीवन में स्थिरता आती है और संतुलन बनाने में मदद मिलती है। आरती को भगवान का आशीर्वाद पाने का सबसे सुगम तरीका माना जाता है। आरती करने से समस्त देवी-देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सम्पूर्ण मनोकामना पूरी होती है।Om Jai Gangadhar Aarti
ॐ जय गंगाधर जय हर,जय गिरिजाधीशा,
त्वं मां पालय नित्यं,
कृपया जगदीशा,
ॐ हर हर हर महादेव॥
कैलासे गिरिशिखरे,
कल्पद्रुमविपिने,
गुंजति मधुकरपुंजे,
कुंजवने गहने,
ॐ हर हर हर महादेव॥
कोकिलकूजित खेलत,
हंसावन ललिता,
रचयति कलाकलापं,
नृत्यति मुदसहिता,
ॐ हर हर हर महादेव॥
तस्मिंल्ललितसुदेशे,
शाला मणिरचिता,
तन्मध्ये हरनिकटे,
गौरी मुदसहिता,
क्रीडा रचयति,
भूषारंचित निजमीशम् ,
इंद्रादिक सुर सेवत,
नामयते शीशम्,
ॐ हर हर हर महादेव॥
बिबुधबधू बहु नृत्यत,
हृदये मुदसहिता,
किन्नर गायन कुरुते,
सप्त स्वर सहिता,
धिनकत थै थै धिनकत,
मृदंग वादयते,
क्वण क्वण ललिता वेणुं,
मधुरं नाटयते,
ॐ हर हर हर महादेव॥
रुण रुण चरणे रचयति,
नूपुरमुज्ज्वलिता,
चक्रावर्ते भ्रमयति,
कुरुते तां धिक तां,
ॐ हर हर हर महादेव॥
तां तां लुप चुप,
तां तां डमरू वादयते,
अंगुष्ठांगुलिनादं,
लासकतां कुरुते,
ॐ हर हर हर महादेव॥
कपूर्रद्युतिगौरं,
पञ्चाननसहितम्,
त्रिनयनशशिधरमौलिं,
विषधरकण्ठयुतम्,
ॐ हर हर हर महादेव॥
सुन्दरजटायकलापं,
पावकयुतभालम्,
डमरुत्रिशूलपिनाकं,
करधृतनृकपालम्,
ॐ हर हर हर महादेव॥
मुण्डै रचयति माला,
पन्नगमुपवीतम्,
वामविभागे गिरिजा,
रूपं अतिललितम्,
ॐ हर हर हर महादेव॥
सुन्दरसकलशरीरे,
कृतभस्माभरणम्,
इति वृषभध्वजरूपं,
तापत्रयहरणं,
ॐ हर हर हर महादेव॥
शंखनिनादं कृत्वा,
झल्लरि नादयते,
नीराजयते ब्रह्मा,
वेदऋचां पठते,
ॐ हर हर हर महादेव॥
अतिमृदुचरणसरोजं,
हृत्कमले धृत्वा,
अवलोकयति महेशं,
ईशं अभिनत्वा,
ॐ हर हर हर महादेव॥
ध्यानं आरति समये,
हृदये अति कृत्वा,
रामस्त्रिजटानाथं,
ईशं अभिनत्वा,
ॐ हर हर हर महादेव॥
संगतिमेवं प्रतिदिन,
पठनं यः कुरुते,
शिवसायुज्यं गच्छति,
भक्त्या यः श्रृणुते,
ॐ हर हर हर महादेव॥