मत कर माया को अहंकार काया गार से काची लीरिक्स | Mat Kar Maya Ko Ahankar Kaya Gaar Se Kachi Lyrics
मत कर माया को अहंकार,
मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची,
काया गार से काची,
जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए,
झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी ॥
ऐसा सख्त था महाराज,
जिनका मुल्कों में राज,
जिन घर झूलता हाथी,
जिन घर झूलता हाथी,
उन घर दिया ना बाती,
झोंका पवन का लग जाए,
झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी ॥
खूट गया सिन्दड़ा रो तेल,
बिखर गया सब निज खेल,
बुझ गयी दिया की बाती,
बुझ गयी दिया की बाती,
रे जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए,
झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी ॥
झूठा माई थारो बाप,
झूठा सकल परिवार,
झूठा कूटता छाती,
झूठी कूटता छाती,
जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए,
झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी ॥
बोल्या भवानी हो नाथ,
गुरुजी ने सर पे धरया हाथ,
जिनसे मुक्ति मिल जासी,
जिनसे मुक्ति मिल जासी,
जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए,
झपका पवन का लग जाए,
काया धूल हो जासी ॥
मत कर माया को अहंकार,
मत कर काया को अभिमान,
काया गार से काची,
काया गार से काची,
जैसे ओस रा मोती,
झोंका पवन का लग जाए,
झपका पवन का लग जाए.
काया धूल हो जासी ॥