श्री चित्रगुप्त जी की स्तुति लिरिक्स | Shri Chitragupta Stuti Lyrics
Shree Chitragupt Stuti Lyrics In Hindi
भगवान श्री चित्रगुप्त को देवलोक का धर्म अधिकारी माना जाता है।भगवान श्री चित्रगुप्त को कायस्थ समुदाय का संस्थापक माना जाता है। भगवान श्री चित्रगुप्त को ब्रह्मा जी का पुत्र माना जाता है।भगवान श्री चित्रगुप्त को मृत्यु के देवता श्री यमराज जी के सहायक एवम कर्म (पाप पुण्य) के लेखा अधिकारी माने जाते है। इनकी स्तुति करने से ज्ञान, संपदा और नर्क से मुक्ति का वरदान मिलता है।भगवान श्री चित्रगुप्त जी का वर्णन पद्य पुराण, स्कन्द पुराण, ब्रह्मपुराण, यमसंहिता व याज्ञवलक्य स्मृति आदि धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।श्री चित्रगुप्त जी की स्तुति
जय चित्रगुप्त यमेश तव,शरणागतम् शरणागतम्।
जय पूज्यपद पद्मेश तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
जय देव देव दयानिधे,
जय दीनबन्धु कृपानिधे।
कर्मेश जय धर्मेश तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
जय चित्र अवतारी प्रभो,
जय लेखनीधारी विभो।
जय श्यामतम, चित्रेश तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
पुर्वज व भगवत अंश जय,
कास्यथ कुल, अवतंश जय।
जय शक्ति, बुद्धि विशेष तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
जय विज्ञ क्षत्रिय धर्म के,
ज्ञाता शुभाशुभ कर्म के।
जय शांति न्यायाधीश तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
जय दीन अनुरागी हरी,
चाहें दया दृष्टि तेरी।
कीजै कृपा करूणेश तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
तब नाथ नाम प्रताप से,
छुट जायें भव, त्रयताप से।
हो दूर सर्व कलेश तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
जय चित्रगुप्त यमेश तव,
शरणागतम् शरणागतम्।
जय पूज्य पद पद्येश तव,
शरणागतम् शरणागतम्॥
इति श्री चित्रगुप्त जी की स्तुति ||
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