जबलपुर में काली विराजी है लिरिक्स | Jabalpur Me Kali Viraji Hai Lyrics
Jabalpur Me Kali Viraji Hai Lyrics In Hindi
जबलपुर में काली,विराजी है,
तरसे मोरी अंखियां,
दे दर्शन इस लाल को,
जो आऊं तोरि दुअरिया ||
अरे भगतन को दर्शन,
देबे ले लाने,
गढ़ा फाटक में,
देवी दिखानी है,
जबलपुर में काली,
विराजी है,
जबलपुर में काली,
विराजी हैं ||
अरे रोगी खों काया,
निर्धन खो माया,
देती मात भवानी है,
जबलपुर में काली,
विराजी हैं ||
अरे दानव दलन करे,
दुष्टों खों मारे,
ऐसी मां कल्याणी है,
जबलपुर में काली,
विराजी हैं ||
अरे तू ही शारदा,
तू ही भवानी,
तू जग की रखवाली है,
जबलपुर में काली,
विराजी हैं ||
अरे हाथ जोर सब,
अर्जी लगावें,
द्वारे पे सब नर नारी हैं,
जबलपुर में काली,
विराजी हैं ||
अरे भगतन को दर्शन,
देबे ले लाने,
गढ़ा फाटक में,
देवी दिखानी है,
जबलपुर में काली,
विराजी हैं,
जबलपुर में काली,
विराजी हैं ||