श्री दत्त स्तवम स्तोत्र लिरिक्स | Shri Datta Stavam Stotra Lyrics

Shree Dattatrey Stotra Lyrics In Hindi
श्री दत्त स्तवम स्तोत्र का पाठ करने से पितृदोष दूर होता है एवं हर मनोकामना पूरी होती है|
भगवान श्री दत्तात्रेय को तंत्राधिपति भी कहा जाता हैं, ऐसा माना जाता हैं कि जो भी मनुष्य हर दिन भगवान श्री दत्तात्रेय का स्मरण करते हुए उनके मंत्रों का जाप करता हैं एवं उनके श्रीमत् परमहंस परित्राजकाचार्य श्रीवासुदेवानंद सरसस्वती में रचित दिव्य स्तोत्र का पाठ करता हैं उस मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट दूर होने के साथ पितरदोष से भी मुक्ति मिलने के साथ सतत उन्नति करने लगता है |
श्री गणेशाय नमः
भूतप्रेतपिशाचाध्या यस्य स्मरणमात्रतः,दूरादेव पलायत्ने दत्तात्रेय नमामि तम्॥१॥
भीतीग्रहार्तीदु:स्वप्नं दत्तात्रेय नमामि तम्॥२॥
नश्यंत्यन्येपि रोगाश्च दत्तात्रेय नमामि तम्॥३॥
शाम्यंति यत्स्मरणतो दत्तात्रेय नमामि तम्॥४॥
सर्पवृश्चिकदष्टानां विषार्तानां शरीरिणाम,
यन्नाम शांतिदे शीघ्र दत्तात्रेय नमामि तम्॥५॥
यन्नाम क्रूरभीतिध्नं दत्तात्रेय नमामि तम्॥६॥
नश्यंति देवबाधाश्च दत्तात्रेय नमामि तम्॥७॥
यः ईशः सर्वतस्त्राता दत्तात्रेय नमामि तम्॥८॥
भोगमोक्षप्रदस्येमं पठेदत्तप्रियो भवेत॥९॥
विरवितं श्रीदत्तस्तवस्तोत्रं संपूर्णम॥
यंनामस्मरणादैन्यम पापं तापश्च नश्यति ||
दद्रुस्फोटककुष्ठादि महामारी विषूचिका ||
संगजा देशकालोत्था अपि सांक्रमिका गदाः ||
त्रिविधोत्पातशमनं विविधारिष्टनाशनम् ||
वैर्यादिकृतमंत्रादिप्रयोगा यस्य कीर्तनात ||
यच्छिष्यस्मरणात्सद्यो गतनष्टादि लभ्यते ||
जयलाभयशःकामदातुर्दत्तस्य यः स्तवम् ||
इति श्रीमत् परमहंस परित्राजकाचार्य,
श्रीवासुदेवानंदसरसस्वती ||