भगवान श्री कार्तिकेय की आरती लिरिक्स | Bhagwan Kartikey Ki Aarti Lyrics

Jai Jai Aarti Venu Gopala Lyrics In Hindi

भगवान श्री देवाधिदेव महा देव शिव के ज्येष्ठ पुत्र एवम सर्व देवों मे प्रथम पूजनीय भगवान श्री  गणेश के बड़े भ्राता भगवान श्री कार्तिकेय की पूजा पूरे मन, ध्यान और एकाग्रता से करने से समस्त कार्य मे सफलता प्राप्त होती है इन्हे श्री  मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है। इनके छ: सबसे प्रसिद्ध मंदिर तमिल नाडु में स्थित हैं। ग्रंथो के अनुसार एक बार ऋषि नारद मुनि एक फल लेकर कैलाश गए दोनों गणेश और कार्तिकेय मे फल को लेकर प्रतियोगिता पृथ्वी के तीन चक्कर लगाने आयोजित की गयी जिस के अनुसार विजेता को फल मिलेगा । जहां मुरूगन ने अपने वाहन मयूर से यात्रा शुरू की वहीं गणेश जी ने अपने माँ और पिता के चक्कर लगाकर आशीर्वाद प्राप्त कर फल प्राप्त किया जिस पर मुरूगन निवृत्ति प्राप्त कर सगुण अवतार रूप मे कैलाश से दक्षिण भारत की ओर चले गए।देव दानव युद्ध में देवो के सेनापति के रूप में। दक्षिण भारत में युवा और बाल्य रूप में पुजा जाता है। रामायण, महाभारत, तमिल संगम में वर्णन।


Lord Kartikey

जय जय आरती वेणु गोपाला लिरिक्स इन हिंदी

जय जय आरती वेणु गोपाला,
वेणु गोपाला वेणु लोला,
पाप विदुरा नवनीत चोरा,
जय जय आरती वेंकटरमणा,
वेंकटरमणा संकटहरणा ||

सीता राम राधे श्याम,
जय जय आरती गौरी मनोहर,
गौरी मनोहर भवानी शंकर,
सदाशिव उमा महेश्वर ||

जय जय आरती राज राजेश्वरि,
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि,
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मी ||

जय जय आरती आन्जनेय,
आन्जनेय हनुमन्ता,
जय जय आरति दत्तात्रेय,
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार,
जय जय आरती सिद्धि विनायक,
सिद्धि विनायक श्री गणेश,
जय जय आरती सुब्रह्मण्य,
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय ||

इनके छोटे भाता सर्व देवों मे प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश के भजन के लिए Click करे!
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