श्री अन्नपूर्णा माता की आरती लिरिक्स | Maa Annpurna Aarti Lyrics
Maa Annpurna Aarti Lyrics In Hindi
अन्नपूर्णा माता को हिन्दू धर्म में अन्न की देवी माना गया हैं. इन्हें माँ जगदम्बा का ही एक स्वरुप माना गया है, जो की पूरे विश्व का संचालन करती हैं . इन्हीं माँ जगदम्बा का अन्नपूर्णा रूप संसार का भरण-पोषण करता है|माँ अन्नपूर्णा की पूजा आरती करने से माँ अन्नपूर्णा अपने भक्तो के भण्डार भरे रहते हैं| अन्नपूर्णा माता की आरती करने से घर से हर प्रकार के कलह-क्लेश दूर रहते हैं तथा जो भी व्यक्ति मां अन्नपूर्णा की पूजा करता है| उसे मां का आर्शीवाद अवश्य प्राप्त होता है|
Annapurna Aarti Lyrics
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ||
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,
कहां उसे विश्राम,
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,
लेत होत सब काम ||
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम,
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,
कालान्तर तक नाम,
सुर सुरों की रचना करती,
कहाँ कृष्ण कहाँ राम ||
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम,
चूमहि चरण चतुर चतुरानन,
चारु चक्रधर श्याम,
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर,
शोभा लखहि ललाम ||
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम,
देवि देव! दयनीय दशा में,
दया-दया तब नाम,
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,
शरण रूप तब धाम ||
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम,
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या,
श्री क्लीं कमला काम,
कांति, भ्रांतिमयी,
कांति शांतिमयी,
वर दे तू निष्काम ||
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ||
माता अन्नपूर्णा की जय ||