श्री गैया मैया की आरती | Aarti Gaiya Maiya Ki Lyrics

Aarti Gaiya Maiya Ki: हमारे हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान प्राप्त है। शास्त्रों के अनुसार गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। श्री गौ माता की सेवा करने से सभी देवता प्रसन्न होते है तथा घर की रसोई में बनी  पहली रोटी गाय की निकाली जाए और उन्हें खिलाई जाए तो इससे न केवल घर से रोग दूर हो सकते हैं बल्कि कष्ट और सभी परेशानी से भी राहत मिल सकती है। श्री गौ माता की सेवा करने से इस लोक के साथ-साथ वैतरणी नदी को पार करने में कोई कष्ट नहीं करना पड़ता है। दरिद्रता का नाश एवं धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।


Aarti Gaiya Maiya Ki Lyrics

Aarti Gaiya Maiya Ki Lyrics In Hindi

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की,
अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि,
सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या की,
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ||

अख़िल विश्‍व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता,
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की,
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ||

आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि,
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की,
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ||

सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई,
शत्रु मित्र सबको दुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्‍व जैय्या की,
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ||

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ||


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